25 टीबी रोगियों को आस संस्था के माध्यम से पोषाहार वितरित किया गया।

मसूरी:-  उप जिला चिकित्सालय लंढौर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में आस संस्था के माध्यम से 25 टीबी रोगियों को पोषाहार वितरित किया गया। इस मौके पर रोगियों का वजन व जांच भी की गई व रोगियों को शीध्र स्वस्थ्य होने के लिए दवा नियमित लेने के साथ ही प्रोटीन युक्त भोजन करने के लिए कहा गया।
कार्यक्रम में आस संस्था की महासचिव हेमलता ने सभी का स्वागत किया व रोगियों से उनके स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ली। इस मौके पर उन्होंने टीयू में टीबी एचबी, एलटी, एसटीएस की तैनाती न होने के कारण रोष प्रकट किया  व फोन कर इस विषय में डीटीओ डा. मनोज वर्मा एवं एसटीओ उत्तराखंड डा० अजय नागरकर को अवगत करा समस्या के बारे में बताया । जिस पर डा. मनोज वर्मा ने आश्वासन दिया कि समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा। कार्यक्रम में सभी टीबी रोगियों की जांच की गई और वज़न भी लिया गया, साथ ही उपयुक्त परामर्श भी दिया गया। इस मौके पर एसटीएस देहरादून ने सभी रोगियो को दवाई दी, जांच के लिए सैंपल लिए तथा इसके उपरांत पोषाहार वितरण किया गया। इस बार टीबी रोगियों में युवतियों व महिलाओं की संख्या अधिक होने पर चिंता  व्यक्त की गयी। इस मौके पर मौजूद डा. अमृता पांडे ने बताया कि उप जिला चिकित्सालय की ओर से भी टीबी यूनिट में स्टाफ न होने की समस्या के संदर्भ में स्टेट को पत्र भेजकर अवगत कराया गया है। इस पर उम्मीद जताई गयी कि शीघ्र मसूरी में टीबी कर्मचारियों की तैनाती होगी। इस बार क्षय मित्र खुशी पांडे, नंदा रावत, मंजू रावत, अनिता मधवाल, कीर्तन मंडली देहरादून, लता रावत ने पोषाहार में सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन आस संस्था की सचिव हेमलता बहन ने किया व सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर डा. अमृता, डा. फराज, एसटीएस मनीषा, टीबी चैंपियन वॉलिंटियर पूनम, वेदिका आदि मौजूद रहे।
कार्यालय मिशन निदेशक स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के सहायक निदेशक एनटीईपी उत्तराखंड डा. अजय कुमार नगरकर ने जिला क्षय अधिकारी को पत्र भेज कर अवगत कराया कि उपजिला चिकित्सालय मसूरी में ट्रयूनेट मशीन का उपयोग न होने से राष्ट्रीय क्षय अन्मूलन कार्यक्रम में रोगियों की जांच न होने पर उच्च स्तर से समीक्षा की जा रही है, ट्रयूनेट मशीन से जांच न होने पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के लक्ष्य प्राप्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। जबकि अन्य जनपदों में इस मशीन की आवश्यकता है। मशीन को शीघ्र उपयोग में लाने हेतु कार्रवाई करने को कहा गया है ताकि क्षय रोगियों की जांच हो सके।