अवैध रूप में मैसानिक लॉज में दुकान तोड़ने के न्यायालय ने पुनर्विवेचना के आदेश दिए।

मसूरी:–मैसानिक लॉज बस स्टैण्ड पर दो वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बिना किसी आदेश के जेसीबी लगाकर वृद्ध उमावती पुंडीर की दुकान तोड़ दी थी इस दौरान विरोध करने वालों को पालिकाध्यक्ष के गुंडो ने मारपीट भी की थी, जिस पर न्यायालय में मुकदमा किया गया था व अब न्यायालय ने पुनर्विवेचना के आदेश पुलिस को दिए है जिस पर एसएसआई कृष्ण कुमार सिंह ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया व दुकान स्वामी के बयान दर्ज किए।
मालूम हो कि दो वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने मैसानिक लॉज बस स्टैण्ड के चौड़ी करण की आड़ में वृद्ध उमावती पुंडीर की दुकान को बिना किसी आदेश के जेसीबी लगाकर तोड़ दिया था व दुकान में रखा सारा सामान भी तोड़ दिया जिसमें फर्नीचर, बर्तन फ्रिज, सहित अन्य सामान था उस समय जब लोगों ने इस घटना का विरोध किया तो उनके साथ पालिकाध्यक्ष के गुंडोे ने मारपीट की थी, जबकि उमावती पुंडीर के पास सारे कागज थे व उनकी पालिका से लीज थी जिसका किराया भी लगातार जमा करवाया जाता रहा। इस घटना को घटे दो साल हो गये लेकिन अब न्यायालय में इस मामले की सुनवाई की जा रही है जिसके तहत पुलिस को पुनर्विवेचना करने के आदेश दिए हैं एसएसआई कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि सिविल जज मसूरी की कोर्ट के आदेश पर मैसानिक लॉज बस स्टैण्ड पर जाकर मौके का निरीक्षण किया व दुकान की स्वामी उमावती पुंडीर के बयान लिए। इस अवसर पर एसएसआई कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने मौके पर जाकर निरीक्षण किया व महिला उमावती पुंडीर के बयान लिए जिसे उच्चाधिकारियों को प्रेषित किए जायेगे जिससे आगे की कार्रवाई हो सके। मौके पर मौजूद उमावती पुंडीर ने कहा कि मेेरी दुकान गलत तरीके से तोड़ी गई जिसकी शिकायत की थी जिसकी अब जांच आयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुज गुप्ता ने खुद मौके पर रहकर दुकान जेसीबी से तुड़वाई। उन्हानें कहा कि मेरे साथ अत्याचार किया गया व जो लोग मेरे पक्ष में आये उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। केवल मेेरी ही दुकान जेसीबी से तोड़ जब उनसे कहा गया तो अनुज गुप्ता ने कहा कि कोर्ट जाने का नतीजा है। उन्होंने कहा कि जो दुकान दी गई वहां जाने का मार्ग ठीक नहीं है जिस कारण दुकान नहीं चलती व दो साल से वह बेरोजगार बैठी है। उन्होंने अनुज गुप्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।