मालरोड पर तेज गति से चल रहे वाहन, हो रही दुर्धटना, पुलिस व प्रशासन मौन।

मसूरी:- पर्यटन नगरी मसूरी में तेज गति से चल रहे वाहनों व दुपहिया वाहनों से आये दिन पैदल चलने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं इन वाहनों से दुर्घटनाएं हो रही हैं। लेकिन न हीे पुलिस व न ही प्रशासन और न ही नगर पालिका इन पर अंकुश लगा पा रही है। जो इनकी कार्य प्रणाली पर सवाल खडे कर रहा है। रोड किनारे खडे़ वाहनों के कारण संकरी हो रही सड़कों में बे लगाम गति से चल रहे वाहनों से हर समय खतरा बना रहता है, आखिर सड़क पर पैदल चलने वालों की सुरक्षा कौन करेगा यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
मसूरी में लगातार बढ रहे वाहनों की संख्या के साथ ही दुपहिया वाहनों की संख्या भी जरूरत से अधिक बढ़ चुकी है। लेकिन इनको चलाने वालों को परिवहन विभाग के नियमों के बारे में शायद पता नहीं है, अगर पता है तो जानबूझ कर उनका उलंघन किया जा रहा है जो कि गंभीर अपराध है। उसके बावजूद न ही पुलिस और न ही प्रशासन इन बेलगाम गति से चल रहे वाहनों पर लगाम लगाने में असमर्थ साबित हो रहा है। आये दिन मालरोड पर पैदल चलने वालों को दुपहिया वाहनों से दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है। इसी कड़ी में गत दिवस मसूरी के व्यवसायी व उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी को कोतवाली के नीचे ही एक तेज गति के स्कूटी सवार ने टक्कर मार दी जो गंभीर रूप से घायल हो गये जिन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया व उनके कई टांके लगे हैं, इससे पूर्व साहित्यकार लेखक सतीश एंकांत को भी एक स्कूटी ने टक्कर मार दी व उनके हाथ में गंभीर चोट लगी। वहीं आये दिन मालरोड के किसी न किसी क्षेत्र में इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही है, लेकिन पुलिस व प्रशासन  बेखबर है। परिवहन विभाग का नियम कहता है कि रोड पर चलने का पहला अधिकार पैदल चलने वालों का है, लेकिन वाहन चलाने वाले यह धारणा बना चुके हैं कि रोड पर उनका ही पूरा अधिकार है वह चाहे किसी को भी टक्कर मार देते हैं।  कई बार बैठकों में इस बात को जन प्रतिनिधियों ने रखा है व उदाहरण भी दिए हैं लेकिन जिम्मेदार विभाग इस पर कभी गंभीर नजर नहीं देखा गया जिसके कारण ऐसे तेज गति से चलने वाले वाहनों के हौंसेले बुलंद हैं। आखिर रोड पर चलने वालों की सुरक्षा कौन करेगा। परिवहन विभाग के नियमों को तो ये लोग ताक पर रखते है व मालरोड पर दुपहिया तेज गति से चलने के साथ ही तीन सवारियों को लेकर चलते हैं। पर्यटन नगरी मसूरी में मालरोड पर शाम को चाढे चार बजे से रात्रि दस बजे तक किसी भी वाहन के लिए प्रतिबंधित है केवल एंबुलेंस को छूट है लेकिन प्रतिबंधित समय में भी वाहन मालरोड पर चलना पालिका की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। आखिर मसूरी में पैदल चलने वालों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन इतना गैर जिम्मेदार क्यों है, जबकि मालरोड पर बड़ी संख्या में पर्यटक पैदल घूमते हैं व मसूरी के प्राकृतिक सौदर्य का आनंद लेने आते हैं, ऐसे में वह कैसे घूमेंगे। पूर्व में भी कई पर्यटक वाहनों के दुर्घटना का शिकार होते रहे हैं। इस पर गंभीरता से चिंतन किया जाना चाहिए व जिम्मेदार विभाग नगर पालिका, नगर प्रशासन व पुलिस को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए व इसके लिए कड़े कदम उठाने होंगे तभी इनकी गति पर ब्रेक लग सकता है। वहीं मालरोड पर दिन के समय जिन वाहनों को चलने की अनुमति है या बैरियर का शुल्क देकर मालरोड पर चलते है उनकी गति 20किमी प्रति घंटा रखी गई है जिसके बोर्ड भी मालरोड पर लगे रहते थे लेकिन अब यह बोर्ड भी कहीं नजर नहीं आते, लेकिन अब समय आ गया है कि मालरोड पर अब स्पीड चैक करने वाले कैमरे लगने चाहिए ताकि उनका चालान किया जा सके वहीं पुलिस व प्रशासन सहित पालिका को नींद से उठना होगा व अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीरता से जागरूक होना होगा अन्यथा इस तरह की दुर्घटनाएं आये दिन होती रहेगी।