मसूरी:- आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन के तत्वाधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम परिसर में आश्विन माह की अमावस्या पर समूचे विश्व में वैदिक सनातन मूल्यों के समग्र प्रतिष्ठान हेतु विशेष अग्निहोत्र का आयोजन किया गया।
ट्रस्ट के संस्थापक एवं आश्रम के कुलप्रमुख परमप्रज्ञ जगतगुरु प्रोफेसर पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम जी महाराज के सान्निध्य में यह आयोजन संपन्न हुआ। अमावस्या की शुभ वेला पर पधारे आर्यम श्रद्धालुओं ने इस विशिष्ट आयोजन में सहभागिता की। गुरुदेव आर्यम जी महाराज ने बताया कि इस अग्निहोत्रम का विशेष महत्त्व है। उन्होंने सभी भक्तों को अपने ज्ञान से आलोकित किया। आर्यम जी महाराज ने तिथि विशेष से संबद्ध इस हवन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। सर्व पितरों की इस अमावस्या पर पूर्वजों की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। जहां देश भर में वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ती जा रही है, इस अग्निहोत्रम के द्वारा समाज में इस बात का भी संदेश प्रेषित होता है कि हमें अपने घर के बड़े बूढ़ों को स्नेह एवं देख रेख के साथ परिवार से जोड़े रखना चाहिए। गुरुदेव ने अपनी ओजस्वी वाणी से स्वस्तिवाचन एवं शांति प्रकरण मंत्र का पाठ कर दिव्य हवन किया। उन्होंने सभी हिंदुओं से नवरात्रि पर अपने जीवन में संस्कारों को अपनाने का आह्वान भी किया। ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री ने बताया कि देश विदेश में इस सुअवसर की मूल तत्व की पहचान करने वाले एकमात्र परमप्रज्ञ गुरुदेव आर्यम ही हैं। साथ ही वे सभी ईश्वर के भक्तों को आह्वान करते हैं कि अपने जीवन में विशेष अवसरों पर कुछ दान पुण्य कर्म अवश्य किया करें; इससे न केवल ज्ञात अज्ञात पापों से मुक्ति मिलती है बल्कि समाज में अच्छे गुणों का भी प्रसार होता है। हमें अपने पूर्वजों की केवल पूजा नहीं करनी है बल्कि उनके संस्कारों को अपने जीवन में समावेशित भी करना है। आज के कार्यक्रम में प्रतिभा आर्य, उत्कर्ष सिंह, राकेश रघुवंशी, संध्या रघुवंशी, रवि शर्मा, रेनूबाला, वर्षु, रमन सिंह एवं हर्षिता आर्यम का सहयोग रहा।

