मसूरी:- मसूरी नगर पालिका क्षेत्र में आयोजित भद्राज मेला पारंपरिक रीति रिवाज के साथ मनाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में पहुचे भक्तों ने भगवान बलराम के दर्शन किए व उनकी प्रतिमा पर दूध, दही, मक्खन व घी के साथ रोट प्रसाद चढा कर परिवार की खुुशहाली व पशुधन की सुरक्षा की कामना की।
मसूरी से करीब 10किमी नगर पालिका वार्ड नंबर 13 में हर वर्ष की भांति भाद्रपद की संक्राति पर भगवान बलराम को मेला आयोजित किया गया। मंदिर में प्रातः पूजा अर्चना की गयी व पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप पर देवता अवतरित हुए। जिसका श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया। इसके बाद मंदिर जनता के दर्शनों के लिए खोला गया व भारी बारिश व मौसम खराब होने पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भद्राज पहुंचे व भगवान बलभद्र के दर्शन किए व प्रसाद चढा कर परिवार की खुशहाली की कामना की। भद्राज मंदिर में हर वर्ष भाद्रपद की संक्राति पर मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें मसूरी सहित जौनपुर, जौनसार, विकासनगर, देहराूदन, सेलाकुई, आदि क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पैदल मंदिर पहुंचते हैं। भगवान बलराम को पशु रक्षक देवता माना जाता है व किवदंति व मान्यता है कि इस क्षेत्र में जब भी किसी गौपालक ग्रामीण के यहां कोई पशुधन दूध देता है तो पहला दूध, घी, मक्खन भगवान भद्राज को चढाया जाता है व ऐसा न करने पर दूध खराब हो जाता है।
मसूरी से करीब 10किमी नगर पालिका वार्ड नंबर 13 में हर वर्ष की भांति भाद्रपद की संक्राति पर भगवान बलराम को मेला आयोजित किया गया। मंदिर में प्रातः पूजा अर्चना की गयी व पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप पर देवता अवतरित हुए। जिसका श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया। इसके बाद मंदिर जनता के दर्शनों के लिए खोला गया व भारी बारिश व मौसम खराब होने पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भद्राज पहुंचे व भगवान बलभद्र के दर्शन किए व प्रसाद चढा कर परिवार की खुशहाली की कामना की। भद्राज मंदिर में हर वर्ष भाद्रपद की संक्राति पर मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें मसूरी सहित जौनपुर, जौनसार, विकासनगर, देहराूदन, सेलाकुई, आदि क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पैदल मंदिर पहुंचते हैं। भगवान बलराम को पशु रक्षक देवता माना जाता है व किवदंति व मान्यता है कि इस क्षेत्र में जब भी किसी गौपालक ग्रामीण के यहां कोई पशुधन दूध देता है तो पहला दूध, घी, मक्खन भगवान भद्राज को चढाया जाता है व ऐसा न करने पर दूध खराब हो जाता है।