भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड की दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक शुरू।

मसूरी:-  उत्तराखंड स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड व नगर पालिका शाखा के तत्वाधान में भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड प्रदेश कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक नगर पालिका टाउन हाल में आयोजित की गई जिसका शुभारंभ भारतीय मजदूर स्ंघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश जोशी, क्षेत्र संगठन मंत्री अनुपम, नगर पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी, प्रदेश महामंत्री सुमित सिंघल ने मां सरस्वती, विश्वकर्मा व हेगडे़वार के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
उदघाटन संत्र को संबोधित करते हुए उत्तर मध्य क्षेत्र संगठन मंत्री अनुपम ने कहा कि हर चार माह में भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड की बैठक की जाती है जिसमें प्रदेश में बीएमएस से जुडे संगठनों के पदाधिकारी शामिल होते है जिसमें यूनियनों के विस्तार व आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा करते हैं। उन्होंने कहाकि वर्तमान समय में श्रम जगत में  मजदूरों के सामने बडी चुनौती आ रही है जिसमें प्राइवटाइजेशन, ठेका प्रथा, एआई के माध्यम से जो नौकरियों पर चुनौती बन रही है उन सभी बातों के साथ ही श्रमिकों की समस्याओं पर चर्चा की जायेगी। इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष उमेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के असंगठित क्षेत्र में बीएमएस लगातार बढ रहा है, जिसमें सिडकुल, आंगनवाडी, परिवहन, वन विभाग, ओएनजीसी, आर्डिनेंस, आशाकार्यकत्री, सहित अन्य कई क्षेत्रों में संगठन कार्य कर रहा है। प्रदेश में संगठन कहीं भी कमजोर नहीं है। उन्होंने कहा कि संगठन ठेका प्रथा का कड़ा विरोध करता है, जिस पर शीघ्र केंद्र व राज्य सरकार से अपेक्षा करता है कि शीर्घ्र ही राज्य से ठेका प्रथा समाप्त होगी। सरकारों को ठेका प्रथा से मोहभंग हो रहा है व प्रदेश में लगातार विरोध बढ रहा है जिसमें कर्मचारियों के हित सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में ठेका प्रथा लंबे समय से चल रही है। इस मौके पर प्रदेश महासचिव सुमित सिंघल ने कहा कि बीएमएस के संघर्ष के कारण ही 25 प्रतिशत न्यूनतम वेतन बढा, संगठन प्रदेश के असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे दस लाख श्रमिकों के हितों के लिए लड़ रहा है। इसमें हाईकोर्ट गये है जिसमें 16 सिंतंबर को निर्णय आना है। उन्होंने कहाकि ठेका प्रथा व आउट सोर्स में कार्य कर रहे कर्मचारियों का लगातार शोषण हो रहा है, कई संस्थानों में बोनस नहीं मिल रहा, भविष्य निधि नहीं है, जिसमें बीएमएम लगातार प्रयास कर रहा है, संगठन ने  कोविड काल में बडा कार्य किया लेकिन उन्हें इंसेटिव दस हजार नहीं दिया जिस पर उनकी लंडाई लड़ी व एनएचएच के कर्मचारियों को दस हजार इंसेटिव दिया गया। प्रदेश में एक लाख सदस्य जुडे हैं, वहीं ठेका प्रथा का कड़ा विरोध कर रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार के चार श्रम कानूनों में बीएमएस दो का विरोध करता है । केंद्र की बैठक में बात रखी कि वेज बोर्ड व सोशल सिक्योरिटी कोड है उसका समर्थन करते है जो श्रमिकों के हितों में है वहीं दो कोड आईआर कोड व ओएसएच कोड उनका विरोध करते है यह श्रमिक विरोधी है। बैठक में श्रमिकों की समस्याओं पर बैठक में चर्चा करेंगे व प्रस्ताव पास करेंगे। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी ने भारतीय मजदूर संघ प्रदेश कार्यसमिति की बैठक मसूरी में आयोजित किए जाने पर प्रदेशभर से आये श्रमिक प्रतिनिधियों का स्वागत किया व कहा कि आपदा के समय जहां घर से निकलना कठिन हो रहा है उसके बाद यहां आना संगठन के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बैठक में प्रदेश के श्रमिकों के हितों पर चर्चा कर उनके समाधान का प्रयास किया जायेगा ऐसी उम्मीद करती हूं। इस मौके पर बीएमएस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ऋषि पाल, पूर्व महामंत्री शेखरानंद पांडे, उत्तराखंड स्वायत्तशासी संगठन की प्रदेश उपाध्यक्ष किरन रावत, प्रदेश महांमत्री अरविंद पंवार, विनोद, संजय, सहित प्रदेश से आये पदाधिकारी मौजूद रहे।