18 गिरासू भवनों को तोड़ने के नोटिस से लोगों मे भय का माहौल।

मसूरी:-  पर्यटन नगरी मसूरी में गिरासू भवनों को तोड़ने के आदेश के बाद स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया है एक सप्ताह के भीतर गिरासू भवन तोड़े जाने हैं वर्ष 2020-21 में मसूरी में एनजीटी के आदेश पर गिरासू भावनों को चिन्हित किया गया था जिसके बाद भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में गिरासू भावनों को तोड़ने के लिए एनजीटी द्वारा नगर पालिका को निर्देशित किया गया है जिसके बाद नगर पालिका द्वारा गिरासू भवन स्वामियों को नोटिस जारी किया गया है।
मसूरी में नगर पालिका ने लगभग 19 गिरासू भवन चिन्हित किए गए हैं जिसमें जबर खेत, बाटाघाट, एलआईसी आउट हाउस, क्राइस्ट चर्च, प्रिसं होटल, मोती बेगम बिल्डिंग, पीएनटी भवन, रविरा भवन, रिक्टरी हाउस, लौगी गार्डन, गावस्कर भवन, तुलीगेट भवन, धूमनगंज, राधा भवन, गांधी शताब्दी ईएसआई भवन, दिलाराम भवन है, लेकिन गावस्कर भवन की मरम्मत हो गई जिस कारण वह इससे बाहर हो गया। जिन पर एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही होनी है कुछ भवन स्वामियों द्वारा स्वयं ही अपने गिरासू भवनों को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि एनजीटी द्वारा निर्देशित किया गया है कि मसूरी में 19 गिरासू भवनों को तोड़ा जाए इसके लिए भवन स्वामियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है उन्होंने कहा कि यदि इस दौरान स्वयं भवन नहीं तोड़ा गया तो नगर पालिका द्वारा तोड़ने की कार्यवाही की जाएगी जिसका सारा भुगतान भू स्वामी को करना होगा।
एन जी टी द्वारा निर्देशित किया गया है कि मसूरी में  19 गिरासू भवनों को तोड़ा जाए इसके लिए भवन स्वामियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है उन्होंने कहा कि यदि इस दौरान स्वयं भवन नहीं तोड़ा गया तो नगर पालिका द्वारा तोड़ने की कार्यवाही की जाएगी जिसका सारा भुगतान भू स्वामी को करना होगा। इस संबंध में मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी में अन्य कई भवन गिरासू है लेकिन अभी केवल 18 भवनों को लिया गया है इसमें अधिकतर पहले से ही विवादित है जिससे इसमें संदेह पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि पालिका जो भी कार्रवाई करे निष्पक्षता से करे व जिनमें लोग रह रहे है, उन भवनों को समय दिया जाय व विस्थापित किया जाय।