शराब माफियाओं के खिलाफ हो कठोर कार्यवाही।

ऋषिकेश:-( जीतराम डंगवाल) देश दुनिया में उत्तराखंड की पहचान देवभूमि के नाम से विख्यात है। उत्तराखंड का  धार्मिक महत्व इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा होता था उस समय कुछ पर्यटक शहरों को छोड़कर पूरे उत्तराखंड में शराब पूर्ण या आंशिक रूप से प्रतिबंधित थी। यहां पर देश-विदेश से लोग धार्मिक आस्थाओं को लेकर आते थे और मांस मदिरा से दूर रहते थे। पृथक राज्य उत्तराखंड बनने के बाद यहां पर धीरे-धीरे शराब का प्रचलन बढ़ता गया जिसमें एक ओर सरकारें जिम्मेदार रही तो वही दूसरी ओर इसे बढ़ावा देने में शराब माफियाओं का भी बहुत बड़ा हाथ रहा। अवैध शराब को बढ़ावा देने में शराब माफिया का  कुछ छुट भैया नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस विभाग के कुछ लोगों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से साथ  मिलता रहा।

इन शराब माफिया के हौसले कितने बुलंद है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि जब 1 सितंबर को पत्रकार योगेश डिमरी द्वारा शराब माफियाओं का खुलासा किया गया तो पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में ही  उन पर हमला किया गया जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई तथा एक पैर भी फ्रैक्चर हुआ उनका इलाज एम्स ऋषिकेश में चल रहा है, शराब माफियाओं के इस हमले से आमजन में भारी आक्रोश व दहशत का माहौल कायम है, स्थानीय जनता आहत है तथा सरकार से माफिया के विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग कर रही है जिससे धार्मिक स्थलों की पहचान कायम रह सके तथा ऋषिकेश के माहौल से भय व भ्रष्टाचार दूर किया जा सके।