एमपीजी कालेज के प्रांतीय करण में जल्दबाजी न की जाये- एनएसयूआई

मसूरी:- एनएसयूआई ने एसडीएम को ज्ञापन देकर मांग की है कि एमपीजी कालेज का प्रांतीयकरण किया जाय लेकिन उसमें जल्दबाजी न की जाय साथ ही पांच बिंदुओं को ध्यान में रखा जाय ताकि किसी को परेशानी न हो व छात्र छात्राओं की पढाई बाधित न हो।
एनएसयूआई की ओर से पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रिंस ने नगर पालिका सभागार में एसडीएम डा. दीपक सैनी को एमपीजी कालेज  से संबधित ज्ञापन दिया। जिसमें कहा गया है कि मसूरी का एक मात्र महाविद्यालय मसूरी की ऐतिहासिक धरोहर है ,जिसमें मसूरी व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उच्चशिक्षा ग्रहण करने आते है, महाविद्यालय का प्रांतीयकरण होना चाहिए लेकिन उससे छात्रो की पढाई बाधित नहीं होनी चाहिए, महाविद्यालय परिसर वर्तमान स्थल पर ही रहना चाहिए, प्रांतीयकरण होने पर सभी शिक्षक व गैर शिक्षणेत्तर कर्मचारी स्थानातंन की श्रेणी में नहीं आने चाहिए, जो अस्थाई शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत है उनकी योग्यता व सेवाओं को देखते हुए उनका नियमितीकरण किया जाय, क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का ध्यान  में रखते हुए स्थानीय छात्र छात्राओं को प्रवेश में वरीयता प्रदान की जानी चाहिए, छात्र हितों को देखते हुए महाविद्यालय में रोजगार परक विषय के पाठयक्रम खोले जाने चाहिए जिसमें होटल मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन फ्रंट मैनेजमेंट, बीसीए आदि शामिल हों। ज्ञापन में कहा गया कि एमपीजी कालेज से छेडछाड़ को बिल्कुल बर्दास्त नहीं किया जायेगा। ज्ञापन देने वालों में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रिंस, एनएसयूआई मसूरी अध्यक्ष नवीन शाह, विनय, अक्षत, प्रवीन, अनुज, पूजा, आचंल, आदि थे।