मसूरी:- उत्तराखंड क्रांति दल ने मसूरी में आयोजित प्रेस वार्ता में मूल निवास व भूकानून की मांग को लेकर 24 अक्टूबर 2024 को होने वाली तांडव रैली में समर्थन देने का आहवान किया। उक्रांद की मांग है कि मूल निवास की कट ऑफ डेट 16 अगस्त 1950 देश में कानून बना था, उसे लागू किया जाय, व उत्तराखंड में भूकानून के लिए धारा 371 लागू की जाय।
मसूरी में आयोजित पत्रकार वार्ता में उक्रांद के संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि देहरादून में 24 अक्टूबर को होने वाली तांडव रैली मुख्यमंत्री आवास कूच करेगी व घेराव करेगी। उन्होंने कहा कि हिमचाल की तर्ज पर भूकानून लागू किया जाय जिसमें बाहरी व्यक्ति न खरीद सके। इस कारण हिमाचल ने उन्नति की। इस कानून में बाहरी व्यक्ति को जो लीज मिलती है उसमें उनका 49 प्रतिशत हिस्सा होता है व 51 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय का होता है व उन्ही के नाम पर जमीन होती है। लेकिन उत्तराखंड की सरकार सौतेला व्यवहार करती है। उन्होंने यह भी कहा कि जो हिमालयी राज्यों को केंद्र सरकार सुविधाएं देती है वहीं सुविधायें उत्तराखंड को भी मिले। उन्होंने कहा कि परिसीमन, गैरसैण राजधानी, मसूरी में सिफन कोर्ट आदि के ऐसे मामले है जिन्हें रैली के माध्यम से उठाया जायेगा यह उत्तराख्ंाड की अस्मिता का सवाल है और यह रैली उत्तराख्ंाड राज्य की रैलियों से बड़ी होगी। उन्होंने कहाकि राजनैतिक मसले राजनीतिक मसले है तथा उसी से समस्या का हल निकाला जायेगा जिसका समाधान राष्ट्रीय दल नहीं करना चाहते केवल स्थानीय राजनैतिक दल उकंा्रद ही इस समस्या का समाधान कर सकता है। मूल निवास व भूकानून उत्तराखंड राज्य निर्माण से बडा मामला है, जो लोग 1950 से उत्तराखंड में रह रहे है चाहे किसी भी जाति धर्म, समुदाय व वर्ग को है वह उत्तराखंड का निवासी है। भाजपा कांग्रेस इस मामले में जनता को बरगलाने का कार्य करेगी लेकिन उक्रांद इसे गंभीरता से ले रहा है। जो जनप्रतिनिधि विधानसभा व लोक सभा में चुनकर भेजे गये है वह उन राजनैतिक दलों के नौकर है वह जनता की बात नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि बडे़ संघर्षों के बाद हमें जो राज्य प्राप्त हुआ वह तत्कालीन सरकारों ने 29 संशोधन कर एक खोखला राज्य हमें दे दिया, जल जंगल जमीन के साथ मूल निवास भी हमसे छीन लिया गया उत्तराखंड क्रांति दल जनता को संघर्षों के मूल सवालों को जनता को बताने में असफल रहा जिस कारण राष्ट्रीय पार्टियां सत्ता पर काबिज हो गई इसकी परिणीति ये हुई कि राज्य बनने के इन 24 सालों के बाद भी राज्य के संघर्ष करने के मूल बिंदु आज हमारे सामने यक्ष प्रश्न बनकर खड़े हो गए हैं, और मूल निवासियों का पतन जारी है। उक्रांद की केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत ने कहा कि जिस अवधारणा के अनुरूप राज्य बनाया गया था उसको बचाने के लिए वचनबद्ध हैं, राज्य की जनता संघर्ष के लिए उत्तराखंड क्रांति दल को याद करती है यह हमारा सौभाग्य है इसलिए उत्तराखंड कांति दल की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह राज्य की जनता के पक्ष में मूल सवालों के समाधान के लिए संघर्ष करें इसी परिपेक्ष में 24 अक्टूबर 2024 को मूल निवास भू कानून के लिए देहरादून में राष्ट्रीय पार्टियों के खिलाफ ’तांडव रैली’ मुख्यमंत्री आवास घेराव का आयोजन किया जा रहा है। राज्य के बुद्धिजीवियों सामाजिक संगठनों से उक्राद लगातार संपर्क कर इस आरपार की लडाई में सहयोग की अपील कर रहा है। राज्य आंदोलन की तर्ज पर उत्तराखंड कांति दल का सहयोग व समर्थन करें ताकि राज्य में मूल निवास 1950 और 371 भू कानून लागू करवा सकें। उत्तराखंड क्रांति दल 24 तारीख की यह ऐतिहासिक रैली उत्तराखंड के भविष्य का आगाज करेगी। इस अवसर पर लताफत हुसैन, उक्रांद मसूरी अध्यक्ष राजेंद्र सेमवाल, केद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत, केंद्रपाल तोपवाल, तरूणा जगूड़ी, शानी भटट, उत्तरा पंत, संजय टम्टा आदि मौजूद रहे।

