मसूरी:- मजदूर संघ मसूरी ने उप जिलाधिकारी कार्यालय में पत्र देकर मांग की कि साइकिल रिक्शा श्रमिकों को पुनर्वासित का गोल्फ कार्ट देने की बात प्रशासन कर रहा है, लेकिन इसमें मजदूर संघ का संज्ञान नहीं लिया गया है। उन्होंने कहाकि इस संबंध में
एसडीएम को दिए ज्ञापन में कहा गया कि मसूरी मालरोड पर साइकिल रिक्शा 1996 से संचालित किए जा रहे हैं, जो कि हाथ रिक्शा उन्मूलन के तहत 326 श्रमिकों का पुनर्वास किया गया था, जिसमें लबासना मसूरी व नगर पालिका परिषद के माध्यम से पुनर्वास किया गया था, जिसमें 106 को साइकिल रिक्शा दिया गया था, 4श्रमिकां को वर्कशॉप, एवं 126 श्रमिकों का पुनर्वास के तहत मुआवजा दिया गया था। वर्तमान में 121 रिक्शा चालक है उन्हें पुनर्वासित किया जाय व सभी को अपना अपना रोजगार के साधन दिए जांय। लेकिन इन दिनों ऑफ सीजन होने के कारण अधिकतर मजदूर अपने गांव चले जाते हैं, ऐसे में बिना उनकी सहमति के निर्णय लेना सही नहीं होगा। ऐसे में पालिका प्रशासन व नगर प्रशासन को सभी 121 रिक्शा श्रमिकों के साथ समय निर्धारित कर नगर पालिका सभागार में खुली बैठक करनी चाहिए ताकि उनकी समस्या का समाधान हो सके। लेकिन यह मार्च माह में हो सकता है, किसी अन्य के कहने पर मजदूरों का अहित होगा। ज्ञापन में मांग की गई कि प्रशासन व पालिका मजदूर संघ को अवगत कराने के बाद किसी निर्णय पर पहुंचे, ताकि मजदूर अपनी बात रख सकें व प्रशासन की ओर से जो भी सहयोग दिया जा रहा है उसमें उनकी सहमति होना जरूरी है। इस संबंध में मजदूर संघ के अध्यक्ष रणजीत सिंह चौहान ने कहा कि प्रशासन व पालिका की ओर से 121 रिक्शा श्रमिकों के पुनर्वास करने की बात की जा रही है, यह अच्छा कदम है लेकिन पहले श्रमिकों की राय लेनी जरूरी है कि वह क्या चाहते है व प्रशासन व पालिका उनके लिए किस तरह की योजना बना रही है उससे रिक्शा श्रमिक संतुष्ट है या नहीं। इसलिए इसके लिए सभी रिक्शा श्रमिकों के साथ खुली बैठक की जाय ताकि उनकी बात सुनने के बाद ही निर्णय लिया जा सके जो इन दिनों संभव नहीं है अधिकतर रिक्शा श्रमिक गांव चले जाते है जो मार्च में आते है। उस समय बैठक की गई

