महान स्वतंत्रता सेनानी अब्बास तैयब को पुण्य तिथि पर याद किया।

मसूरी:- महान स्वतंत्रता सेनानी व महात्मा गांधी के साथी अब्बास तैयब की पुण्य तिथि पर मसूरीवासीयों तथा मुस्लिम समाज के लोगों ने लंढौर कब्रिस्तान में  उनकी कब्र पर जाकर श्रद्धांजलि दी व देश में अमन शांति की कामना के साथ अन्य दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए भी प्रार्थना की।
लंढौर स्थित कब्रिस्तान में अब्बास तैयब की क्रब पर मसूरी मुस्लिम समाज सहित शहर के अन्य लोगों ने जाकर श्रद्धांजलि दी व दुआ मांगी वहीं देश की आजादी में उनके योगदान को याद किया। इस मौके पर मंजूर अहमद ने कहा कि अब्बास तैयब ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई व उन्होंने महात्मा गांधी के साथ अनेक आंदोलनों में प्रतिभाग किया व गांधी जी के जेल जाने के बाद वह आजादी के आंदोलन की बागडोर संभाली थी। उन्होंने कहा कि वह अंतिम समय में मसूरी में रहे व यहीं पर उनका इंतकाल हुआ था। लेकिन इसका किसी को पता नहीं था बाद में जब पता लगा तो तब से उनकी कब्र पर जाकर उन्हें श्रद्धाजलि देते है। उन्होंने कहा कि उनकी कब्र पर जाने का मार्ग ठीक नहीं है कई बार इसं संबधं में पत्राचार किया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस मौके पर मौहम्मद इस्लाम ने कहा कि अब्बास तैयब को देश की आजादी में बडा योगदान रहा। उन्होंने आजादी के कई आंदोलनों में नेतृत्व किया। लेकिन मसूरी में उनकी कब्र है इसका बाद में पता चला इसके लिए पूर्व सांसद परिपूर्णानंद पैन्यूली का विशेष योगदान रहा, उन्होंने ही उनकी कब्र को खोजा व तब से लगातार यहां पर उनकों श्रद्धांजलि दी जाती है। उन्होंने कहा कि उनकी कब्र पर जाने वाले मार्ग की हालत बहुत खराब है इसके लिए कई बार शासन प्रशासन को पत्र भेजे गये लेकिन इस दिशा में कोई सक्रिय कार्य नहीं हो सका। इस मौके पर व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने भी उनकी कब्र पर जाकर श्रद्धांजलि दी व कहा कि अब्बास तैयब को भुला दिया गया है जबकि उन्होंने देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी के साथ मिल कर कई आंदोलन किये। उस समय खरा रूपैया चांदी का राज तैयब गांधी का नारा पूरे देश में आजादी के आंदोलन में लगाये जाते थे। इस मौके पर मंजूर अहमद, मौ. इस्लाम, एजाज अहमद, कामिल अली, रजत अग्रवाल, नागेद्र उनियाल, महमूद, मुफती मोमिन, इसरार अहमद, अयूब साबरी, मौ. राशिद, आदि मौजूद रहे।