मसूरी :- लंढोर बाजार भूधंसाव की वैज्ञानिक जांच करने वैज्ञानिकों का एक दल मसूरी पहुंचा और लंढौर बाजार रोड के धंसने और मकानों में आयी दरारों का निरीक्षण किया ,दल के सदस्यों ने मुख्यतः निशिमा होटल, CMजैन मंदिर के समीप रोड के धंसने, मकानों में आई दरारों और साउथ रोड पर जाकर इस क्षेत्र के भवनों और टिहरी बाई पास का निरीक्षण किया।
रूड़की आईआईटी से आये असिस्टेंड प्रोफेसर डा. शारदा प्रसाद प्रधान ने कहा कि अभी उन्होंने केवल सड़क और भवनों में पड़ी दरारों का निरीक्षण किया है, इसके बाद टिहरी बाईपास रोड़ की समीक्षा करने के बाद ही इसका पता लग पायेगा कि आखिर यह क्षेत्र धंस क्यों रहा है अभी तो केवल रोड़ के धंसाव का ही पता लगा रहे हैं ।उन्होंने कहा कि कहीं भी सिंकिंग जोन या भूस्खलन एक दम नहीं होता वह धीरे धीरे होता है चाहे वह प्राकृतिक हो या आर्टिफिसियली अभी देखने से लगा कि यह केवल 15 से 20 मीटर क्षेत्र है जहां अधिक धंसाव है जो सिंकिंग या भूस्खलन होता है वह बडे़ क्षेत्र में होता है इससे ऐसा लग रहा है कि यह स्थानीय स्तर की समस्या है बाकी तो जांच के बाद ही पता लग पायेगा।
इस मौके पर अधिशासी निदेशक यूएसडीएमए देहरादून डा. पियूष रौंतेला ने कहा कि शासन ने लंढौर बाजार क्षेत्र के भू धसांव पर एक कमेटी बनाई है ,इस कमेटी में विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक हैं जिसमें आईआईटी रूड़की, सीबीआरआई, वाडिया इंस्टीटयूट, सहित दूसरे संस्थान है ये कमेटी इस क्षेत्र का निरीक्षण कर रही है और उसके बाद इसके कारणों का पता लगायेंगे और तब इसका उपचार किस तरह किया जाना है इसकी रिपोर्ट दी जायेगी। इस मौके पर उप जिलाधिकारी मसूरी सहित भारी मात्रा में क्षेत्र के लोग मौजूद रहे।

