घनसाली (. जीत राम डंगवाल ):- पहाड़ो के अत्यधिक दोहन की सजा धीरे-धीरे पहाड़ वासियों को भुगतनी पड़ रही है। बिजली उत्पादन के लिए बड़े बांधों का निर्माण हो या चार धाम यात्रा को शु वस्थित करने के लिए सड़क चौड़ीकरण का कार्य हो खामियाजा तो पहाड़ की जनता को ही भुगतना पड़ रहा है। पहाड़ों पर मशीनों तथा डायनामाइट द्वारा किए जा रहे कार्यों से धीरे-धीरे पहाड़ कमजोर होते जा रहे हैं। हर वर्ष किसी न किसी क्षेत्र में भारी जनहानि की खबरें आती रहती हैं
इस वर्ष सरकार कि इस नीति का खामियाजा बुढ़ा केदार क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। जनधन व पशु धन की हानि तो हुई है आने वाले कई वर्षों तक विस्थापन की समस्या भी बनी रहेगी। पहाड़ की जनता ने पांचों सीटें जीता कर भाजपा को देश का नेतृत्व सौंपा, यहां से महारानी विजया राज्य लक्ष्मी शाह को लगातार लोकसभा पहुंचने कार्य किया , किन्तु बड़े अफसोस की बात है कि जब आज यहां की जनता को उनकी आवश्यकता थी तो वह दूर दूर तक भी नजर नहीं आयी। अब जनता को समझना होगा कि जो उसकी जरूरत के समय उसके साथ नहीं है समय आने पर उसे भी मुंह तोड जवाब देना होगा। पहाड़ों की जनता को छलना अब बंद होना चाहिए। सरकार को पीड़ित परिवारों के लिए रहने खाने की व्यवस्थाएं करनी चाहिए तथा सामाजिक संस्थाओं सहित लोगों को आगे आना चाहिए तथा पीड़ित लोगों की भरपूर मदद करनी चाहिए।
