लेखक रस्किन बांड ने 91वां जन्म दिन पहलगाम घटना से व्यथित होकर सादगी से मनाया।

मसूरी:- अंग्रेजी के ख्याति प्राप्त लेखक पदमभूषण रस्किन बांड ने अपना 91वां जन्म दिन छावनी क्षेत्र में अपने निवास पर सादगी से अपने परिवार के साथ मनाया। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से भी दूरी बनाये रखी।
ख्याति प्राप्त अंग्रेजी लेखक पदमभूषण रस्किन बांड हर वर्ष अपने निवास व मालरोड पर एक पुस्तक की दुकान पर  अपना जन्मदिन मनाते थे व अपने प्रसंसकों से भी मिलते थे वहीं इस मौके पर वह अपनी नई रचनाओं का लोकार्पण करते व आगे जिस विषय पर लिखते उसके बारे में भी बताते थे। लेकिन इस बार उन्होंने कश्मीर के पहलगाम में आंतकवादियों द्वारा मारे गये पर्यटकों के प्रति श्रंद्धांजलि देते हुए जन्म दिन घर पर ही अपने परिवार के साथ सादगी से मनाया। परिवार की ओर से 91वें जन्म दिन का केक काटा गया। वहीं दूसरी ओर मालरोड पर जिस दुकान में वह जन्म दिन पर अपने प्रसंसकों, पर्यटकों से मिलते थे इस बार नहीं मिले जिस कारण प्रसंसकों में निराशा देखी गई। रस्किन बांड ने इस बार अपने ही घर से अपनी तीन नई रचनाओं हाउ टू बी योर वॉक विद मी, गार्डन ऑफ मेमोरीज व अनादर डे इन लंढौर रिलीज करनी थी लेकिन नहीं की। उन्होंने  पेंगुएन प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक लाइफस मैजिक मूवमेंट पर हस्ताक्षर कर रिलीज की। जन्म दिन से पूर्व उन्होंने इंटरनेट मीडिया में माध्यम से बताया था कि पहलगाम की आंतकी घटना के बाद हमें पीड़ितों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। वहीं उन्होंने यह भी बताया था कि अगर स्वास्थ्य ठीक रहा तो जून माह में वह अपनी नई रचनाओं को सार्वजनिक रूप से लोकार्पण करेंगें व अपने पाठकों व प्रसंसकों से भी मिलेंगे।