मसूरी:- आस संस्था ऋषिकेश के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में बीस क्षय रोगियो को निःशुल्क मासिक पोषाहार वितरित किया गया। वहीं सामाजिक संस्थाओं व संपन्न लोगों को आग्रह किया गया कि वह एक क्षय रोगी को अंगीकृत करें ताकि उनका उपचार हो सके।
उप जिला चिकित्सालय में चिकित्साधीक्षक डा. यतेंद्र सिंह माध्यम से आस संस्था ने क्षय रोगियों को पोषाहार दिया गया। इस मौके पर आस संस्था की सचिव हेमलता ने कहा कि यह सेवा का कार्य है। प्रधानमंत्री नरेदं्र मोदी ने वर्ष 2025 तक क्षय रोग से भारत को मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है जबकि उत्तराखंड सरकार 2024 तक क्षय रोग से मुक्त करने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। इसमें सभी को पूरी ताकत से कार्य करने की जरूरत है, व देखना होगा कि कोई चूक न हो। ऋषिकेश, डोईवाला व बहादराबाद हरिद्वार में कर रहे हैं। जिसमें स्वामी राम हिमालयन विश्व विद्यालय सहयोग कर रहा है व पैकेज के साथ कार्य कर रहे हैं जिसमें चिकित्सक रोगियों को देखने आते है जाचंे व परामर्श किया जाता है। इसी के साथ ही रायपुर देहरादून व मसूरी में भी क्षय रोगियों के बीच कार्य कर रहे हैं। अगर दवाइयां समय से आती रहेंगी तो लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मसूरी में बीस क्षय रोगियों को पोषाहार दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि पांच सौ रोगियों में सात साल की एक बच्ची भी है जो टीवी ग्रसित है। मसूरी में दो साल का बच्चा क्षय रोगी पाया गया जो निःसंदेह दुःख की बात है। उन्होंने बताया कि क्षय रोगियों को दवा की कमी पर प्रधानमंत्री, स्वास्थ मंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तराखंड, स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखंड, उप महानिदेशक टीबी, आदि को पत्र भेज कर क्षय रोग की दवाइयां उपलब्ध कराने की मांग भी की गई है। इस मौके पर सीएसएस डा. यतेंद्र सिंह ने कहा कि टीबी रोगियों को पोषाहार जरूरी है जो दवा से अधिक कार्य करता है। संस्था ने मसूरी को भी गोद लिया है व मसूरी आकर सहयोग कर रही है व मसूरी में भी दो वालियंटियर बनाई है, लेकिन अभी सात साल की बच्ची पॉजिटिव पायी गयी व मसूरी में दो साल के बच्चे में भी लक्षण पाये गये जो चिंता का विषय है। संस्था अच्छा पोषाहार दे रही है व रोगी शीघ्र ठीक हो रहे हैं। बीच में भारत सरकार से दवाई की कमी आयी है जिसे शीघ्र पूरा किया जायेगा ताकि लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
