मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने अध्यक्ष रजत अग्रवाल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री उतराखंड को उप जिला अधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें मांग की गई कि बालिकाओं के उत्थान के लिये सरकार की महात्वाकांक्षी योजना नन्दा गौरा योजना शुरू की गयी जिसका लाभ राज्य की अनेक कन्याओं को मिला।
इस योजना के तहत कन्या के जन्म पर जहां 11 हजार की धनराशि दी जाती है तो वहीं बिटिया के 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण कर स्नातक अथवा डिप्लोमा में प्रवेश लेने पर 51 हजार की धनराशि प्रदान की जाती है। इस योजना ने बेटे और बेटी में फैली असमानता को खत्म करने का काम किया है। योजना का लाभ लेने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 से पात्र लाभार्थियों के आवेदन की ऑनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जिसके तहत पोर्टल पर लगातार आवेदन आ जा रहे हैं।
अफसोस का विषय है की बाल विकास आयोग, उत्तराखंड द्वारा इस योजना को ठीक प्रकार से प्रचार प्रसार नहीं किया जा रहा है और मनमाने रूप में धनराशि को आवंटित किया जा रहा है।
मसूरी शहर के कई विद्यालय जहां पर निर्बल और निम्न वर्ग की बालिकाएं अध्ययन करती हैं, उन्हें इस योजना का लाभ पिछले वर्ष नहीं मिला और इस वर्ष भी ऐसी ही स्तिथि है।
उक्त विभागीय अधिकारियों द्वारा कई बालिकाओं को इस योजना का लाभ ना मिल पाने की बात कहकर वापस लौटाया जा रहा है।
जब 12 वीं कक्षा की उत्तीर्ण छात्राएं अपने पूरे अधिकृत दस्तावेज ऑनलाइन आवेदन करती हैं तो विधालय का नाम बाल विकास विभाग सूचि में ना होने के कारण उन्हें वापस लौटाया जा रहा है और पिछले वर्ष भी ऐसे ही हुआ है।
ख़ासकर, महात्मा सरस्वती शिशु विधा मन्दिर विधालय, केंद्रीय विद्यालय आदि की छात्रों को अनावश्यक परेशानी और आर्थिक सरकारी मदद से दूर रखा जा रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री उतराखंड से अनुरोध किया है कि इस विषय पर गंभीरता से विचार कर निस्तारण करें जिससे सरकारी योजना का लाभ जरूरतमंद छात्राओं को मिल सके। इस अवसर पर ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री जगजीत कुकरेजा, राजेश शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
