मसूरी:- प्रदेश को नशा मुक्त करने का संकल्प लेकर समाज में जाकर नशे के खिलाफ मुहिम चलाने वाले देवभूमि उत्तराखंड नशा मुक्ति जनमोर्चा संगठन प्रताप नगर के संयोजक व पूर्व जिला पंचायत सदस्य राज्य आंदोलनकारी देवी सिंह पंवार ने मसूरी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड की भूमि नाग देवता की भूमि है यहां पर नाग दूध का प्यारा है लेकिन आज दूेवभूमि को शराब प्यारी हो गई है। उन्होंने दुःख व्यक्त किया कि आज जो भी संस्कार समाज में होते है, उसमें शराब परोसने की परंपरा चल रही है, जब हम शराब परोस रहे हैं तो यह श्राप दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लगातार प्रताप नगर क्षेत्र में शराब के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं जिसमें करीब 18 सौ महिलाएं शामिल है व अभी तक करीब छह से अधिक ग्राम पंचायतों को शराब से मुक्त करा चुके हैं वहीं विद्यालयों में जाकर भी छात्र छात्राओं को नशे के खिलाफ मुहिम चला कर शराब के विरोध में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह मानव कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं, शराब समाज के लिए कोढ़ है, करना है तो परमात्मा का नशा करो। उन्होंने बताया कि वह उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी से जुडे रहे हैं व राज्य आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की, लेकिन जिस राज्य की कल्पना की थी आज राज्य उससे भटक गया है, पहले टिहरी में एक शराब की दुकान होती थी आज हर पांच किमी पर शराब की दुकानें खोल दी गई हैं जो गलत है। इस मौके पर राम देव कलूड़ा, जयवीर सिंह बिष्ट भी मौजूद रहे।
देवी सिंह पंवार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया व मांग की कि राज्य को नशा मुक्त देवभूमि घोषित करें। ज्ञापन में कहा गया कि यह क्षेत्र नागराज की भूमि है व यहां सेम मुखेम पांचवा धाम है, पूर्वजो ने इसे नशे से बचा कर रखा व आपसे निवेदन है कि उत्तराखंड को नशामुक्ति बनाये ताकि आपदाओं से राज्य को बचा सकें, सरकार की घोषणा भी है कि धामों को शराब से मुक्त रखा जायेगा।
